🌻🌻🌻🌻🌻
*नेक लोगों की संगत से*
*हमेशा भलाई ही मिलती हे,*
*क्योंकि....*
*हवा जब फूलो से गुज़रती हे,*
*तो वो भी खुश्बुदार हो जाती हे.*
*🌞शुभ प्रभात🌞*
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Wednesday, February 8, 2017
Anmol Vachan
*_"ठोकरें ख़ाता हूँ पर,_*
*_"शान" से चलता हूँ।_*
*_मैं खुले आसमान के नीचे,_*
*_सीना तान के चलता हूँ।_*
*_मुश्किलें तो "साज़" हैं ज़िंदगी का,_*
*_"आने दो-आने दो"।_*
*_उठूंगा, गिरूंगा फिर उठूंगा_*
*_और_*
*आखिर में "जीतूंगा मैं ही"*
*_ये ठान के चलता हूँ!"_*
🙏 *सुप्रभात*🙏
🌹 *जय श्री कृष्णा*🌹