*_"ठोकरें ख़ाता हूँ पर,_*
*_"शान" से चलता हूँ।_*
*_मैं खुले आसमान के नीचे,_*
*_सीना तान के चलता हूँ।_*
*_मुश्किलें तो "साज़" हैं ज़िंदगी का,_*
*_"आने दो-आने दो"।_*
*_उठूंगा, गिरूंगा फिर उठूंगा_*
*_और_*
*आखिर में "जीतूंगा मैं ही"*
*_ये ठान के चलता हूँ!"_*
🙏 *सुप्रभात*🙏
🌹 *जय श्री कृष्णा*🌹
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